रुझान कला की ओर March 30, 2022 कितना अधिक रुझान था तेरा सच में ओ मां जाई कला संगीत नृत्य की ओर। सौ बात की एक बात है, तूं जीवन की सबसे सुंदर भोर।। Read more
कशिश December 20, 2020 किसी चौखट में नही थी कशिश इतनी,खींच लेती जो हमे अपनी ओर, इंसानो से ही घर घर होता है,प्रेम से ही सुंदर होती है हर रात और हर एक भोर।। Read more
कौन सी भोर है thought by sneh premchand September 14, 2020 कौन सी भोर और साँझ ऐसी है जब ज़िन्दगी का अहसासों से परिचय कराने वाली हर संज्ञा,सर्वनाम,विशेषण का बोध कराने वाली माँ याद न आती हो।। Read more
Poem on feelings for parents by sneh premchand July 09, 2020 किसी के होने का अहसास उतना नही होता जितना किसी के जाने का,और अगर ये किसी माँ बाप हों तो बात ही कुछ और हो जाती है।मां बाप जब ताउम्र हमारा आधार कार्ड और ए टी एम बन सकते हैं तब जीवन की सांझ में हम उनकी भोर क्यों नहीं बन सकते??? Snehbpremchand Read more