बाबुल के आंगन की चिड़िया एक दिन फुर्र से उड़ जाती है। कहते हैं लोग, बिटिया को पराई, मुझे तो वह सबसे अपनी नजर आती है।। दूर जाकर भी दिल के सदा वो रहती है पास। इसीलिए तो कहा जाता है, बिटिया से अधिक हो ही नहीं सकता कोई खास।। सुनने में बेशक अच्छा लगता है बेटा हुआ है, पर जीने में नहीं बेटी से अधिक सुखद कोई एहसास।। जिंदगी के रवि की सुनहरी सी किरण वो, जिंदगी की चंद्रमा की शीतल सी ज्योत्सना वो, जिंदगी के भास्कर की मधुर सी रश्मि वो, मानो इंद्र की कोई सुंदर सी अप्सरा वो, जीवन का केंद्र बिंदु सी जिक्र और जेहन में सदा रहती है।।