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एक ही परिवेश एक सी परवरिश

*एक ही परिवेश एक सी परवरिश*  ईश्वर की होती है इच्छा जो हमें वह भाई बहन बनाता है समय बीतने के संग एक दूजे में अक्स मात तात का नजर आता है संवाद भले ही सुस्ता जाएं पर संबंध दिनोदिन गहराता है तुझ जैसी मधुर वाणी और उत्तम व्यवहार भला और कहां मिल पाता है *उम्र छोटी पर कर्म बड़े* तेरे बारे में यही समझ में आता है काल के कपाल पर कुछ लोगों का होना सदा के लिए चिन्हित हो जाता है तेरा नाम है इस फेरहिस्त में सबसे ऊपर, एक पल आता है एक पल चला जाता है