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झट से

झट से मना लो

रूठा हो तो

मना लो। thought by snehpremchand

जो नाराज़ हैं आपसे, पर प्रिय हैं आपको, उनके पास जाकर मना लो यारों, कहीं जब तक अहसास हो, उनके सांसों की डोर टूट न जाये।।           स्नेहप्रेमचंद