दीपों की माला दीपावली पर्व भारतीय संस्कृति में दिनकर की भांति देदीप्यमान है यह पर्व संयम सौहार्द मर्यादा संस्कार और उल्लास का प्रतीक है असत्य पर सत्य की अधर्म पर धर्म की जय का शंखनाद युगों युगों से कर रहा है दीपावली पर घर की सफाई भी प्रतीकात्मक है यह सफाई मात्र घर के सामान की ही नहीं अपितु मन के नकारात्मक भावों की भी सफाई करना है मलिन मनो से धुंध कुहासे, अंधकार, अवसाद,विषाद ईर्ष्या, द्वेष और अहंकार जैसे विकारों का शमन करना है।सबसे बड़ा संदेश दीपावली के पर्व का यह है कि आप कितने भी ज्ञानी कितने भी बड़े इंसान क्यों ना हो परंतु सर्वप्रथम संस्कारी होना सबसे ज्यादा जरूरी है। रावण ज्ञान में किसी से कम नहीं था परंतु उसके सीता हरण के दोष ने उसके समस्त गुणों पर पानी फेर दिया। रामायण की कहानी से यह संदेश सब को आत्मसात कर अपने जीवन में उतारना चाहिए। मित्रता_मित्रता का आधार कभी धर्म जाति आर्थिक स्तर नहीं होता।राम की हनुमान से, वानरों से ,सुग्रीव से मित्रता इस बात का प्रतीक है।मर्यादा राम के चरित्र से साफ साफ प्रतीत होता है कि व्यक्ति को जीवन में अपनी सभी मर्यादाओं का ध्यान रखना चाहिए त...