*महान उपलब्धि,,सराहनीय प्रयास* और परिचय क्या दूं सावित्री बाई फुले का???? संकल्प को सिद्धि के ले आती थी पास *ज्ञान की स्याही,इच्छाशक्ति की तख्ती,सुधार की लेखनी* तीनों की त्रिवेणी बहती थी चित में ऐसी जैसे घने अंधेरे में होता हो उजास विश्वाश को भी नहीं हो पाता खुद पर विश्वाश 190 वर्ष पूर्व धरा पर सावित्री बाई फुले करती थी वास.. बुलंद हौंसला,नेक इरादे,जनकल्याण के भाव का चित में वास आधी आबादी ना रहे वंचित शिक्षा से, शिक्षा की अलख जला कर जगाई आस *महान उपलब्धि,सराहनीय प्रयास* *भारत की पहली महिला शिक्षिका, महान क्रांतिकारी महिला* सच में थी कितनी ज्यादा खास नारी सशक्तिकरण का ओजस्वी स्वर,क्रांति ज्योति सावित्री बाई फुले के वंदनीय हैं प्रयास रौंगटे से खड़े हो जाते हैं देख योगदान उनका, धरा पर रह कर छू लिया था आकाश प्रतिबद्ध रही आजीवन ही कर्तव्य कर्म के लिए, चाहा करना सदा महिलाओं का विकास नेक नीयत,श्रेष्ठ सीरत,सावित्री बाई फुले का व्यक्तित्व बड़ा खास 3जनवरी 1831 को जन्मी महाराष्ट्र के सितारा जिले में, महकी आजीवन ज्यों पहुपन में सुवास मात्र 17 वर्ष की आयु में खोला स्कूल...