सुविचार,,,,,माँ बन कर माँ मैंने है जाना,कितना मुश्किल होता है दिल के अहसास छुपाना,क्या,कब,कैसे,किन हालातों में तूने हम सब के लिए कितना कुछ कर डाला,सोच सिरहन सी उठती है दिल में,किन जतनो से तूने हमे होगा पाला,ममता की कावड़ में तूने माँ प्रेमजल से हमे तृप्त कर डाला,कर्म की सड़क पर मेहनत के पुल को तूने कितने संघर्षो की रेत से निर्मित किया होगा,ये माँ बन कर माँ मैंने है जाना,कितने अहसासों को तूने न दी होगी अभिव्यक्ति,ये माँ बन कर माँ मैंने है जाना