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Showing posts with the label मानो चाहे या ना मानो

बंद हो तो मुठ्ठी है लाख की

कड़वा है मगर सत्य है

प्रेम से सुंदर नहीं कोई अहसास(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा))

डॉक्टर्स डे स्पेशल

मित्र है तो जीवन इत्र है

ये रंग हैं कर्मठता के

मित्र सा इत्र कोई नहीं

सत्कर्म बना देते हैं सुंदर

मित्रता की कुछ शर्तें

नयन प्रतिबिंब है मन का

संगठन की शक्ति है अपार