दोहरी क्षति May 27, 2020 माज़ी पर तो जोर नहीं पर मुस्तक बिल पर है हमारा अख्तियार। खोये रहेंगे गर हम माज़ी में दोहरी क्षति का मिलेगा उपहार।। जो बीत गया है वह दौर ना आएगा, पर आने वाला है जो पल, वो हमारी कोशिशों से सुंदर बन जाएगा।। स्नेहप्रेमचंद माज़ी---अतीत मुस्तकबिल---भविष्य Read more