हुए पीले हाथ(( विचार स्नेह प्रेमचंद,चित्र ऐना जी)) October 17, 2022 हुए हल्द हाथ,मिला पी का साथ, हुआ बाबुल का अंगना पराया। पराई हो कर भी अपनी होती हैं बेटियां, बड़ा ही शीतल होता है उनका साया।। बुआ,बहन,बेटी एक ही आंगन की हैं तीनों डाली, बस दौर अलग हैं यही समझ में आया।। स्नेह प्रेमचंद Read more