यही यथार्थ है जीवन का, प्रेम ही हर रिश्ते का आधार। कभी न टूटे डोर स्नेह की, महके सुमन से तेरा संसार।। भावों से दोस्ती है मेरी, अगर अल्फाजों से होता याराना बता देती क्या होती हैं दुआएं दिल की मन भी गा देता जोश भरा तराना।। हर खुशी मिले तुझे जीवन में, निभाए प्रेम से हर किरदार। कोई और खड़ा हो न हो संग मे पर साथ सदा खड़ा होता है परिवार।। परिवार के आधार स्तम्भ हो बेटा तुम नयनाभिराम हैं तुम्हारे दीदार। चेतन मन में चमको ध्रुव तारे से, हो प्रीति भरा तेरा संसार।। दिल की कलम से स्नेह प्रेमचंद