मा बाप के विषय मे लिख कर कुछ करने की छोटी सी कोशिश है मेरी। हैं ,जिनके मा बाप सही सलामत उनको तवज्जो दिलाने की छोटी सी कोशिश है मेरी। मैं कोई ज्ञानी नही,एक साधारण सी इंसान हूँ, पर आप को महान बनाने की छोटी सी कोशिश है मेरी।। बीते पल नही आते लौट कर,यह अहसास कराने की कोशिश है मेरी, मातृ और पितृ ऋण से कभी उऋण नही हो सकते हम,यह बताने की कोशिश है मेरी।। मात पिता का संसार उसकी औलाद ही बन जाती है,पर उनके संसार में कहीं खो से जाते हैं मां बाप,ये समझाने की कोशिश है मेरी।। स्नेह प्रेमचंद