धडधडाती ट्रेन से तेरे वजूद की सबसे खास बात जो थरथराते पुल से मेरे अस्तित्व को समझ में आती है कि सबको लगता था कि तूं उसकी सबसे अधिक खास थी।। तेरे आगे तो 5g network भी फीका है।कनेक्टिविटी तेरे चरित्र की बहुत बड़ी खासियत थी।। करुणा,प्रेम और परवाह तो सदा के लिए तेरे चित में बसेरा किए हुए थे।।संयम और ज्ञान से तेरी बहुत अच्छी दोस्ती थी।जिजीविषा और मेहनत तो जननी से विरासत में पाई थी।।अहम से वयम का शंखनाद बजाना तुझे बखूबी आता था। तेरे जाने से मुझे तो बस यही समझ में आता है। हानि धरा की लाभ गगन का यही भाव जेहन में शोर मचाता है।। और परिचय क्या दूं तेरा????????