पूछता है जब कोई," जन्नत है कहां??? हौले से मुस्कुरा देती हूं मैं और याद आ जाती है मां।। पूछता है जब कोई," क्या कभी ईश्वर को देखा है???? हौले से मुस्कुरा देती हूं मैं और देखती हूं मां की तस्वीर को और दे देती हूं जवाब **देखो ईश्वर है यहां** पूछता है जब कोई सुकून है कहां??? हौले से मुस्कुरा कर देती हूं जवाब मैं,**है मेरी मां का आंचल जहां** पूछता है जब कोई पर्व उत्सव उल्लास शिक्षा संस्कार हैं कहां??? हौले से मुस्कुरा कर देती हूं जवाब मैं, ***मेरी मां है जहां*** पूछता है जब कोई मायका है कहां???? हौले से मुस्कुरा देती हूं मैं और देती हूं जवाब **रहती है जिस घर में मेरी मां**