Thought on mother by Sneh Prem chand September 24, 2020 जब सांझ ढली तूं याद आईं जब भोर हुई तूं याद आई जब दोपहर हुई तूं याद आईं जब रात हुई तूं याद आईं है कौन सा ऐसा पहर ओ मां जब याद मुझे न तूं आई।। Read more