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राम राम जय राज राम

जय श्री राम

हरि अनंत हरि कथा अनंता

जिंदगी का मैनुअल कहा जाए  रामायण को तो कोई अतिशयोक्ति ना होगी सच में ही हरि अनंत और हरि कथा अनंत होती है हर प्रश्न और चुनौती का संभावित उत्तर राम कथा  की चौपाइयों में छिपा है बस जिज्ञासु मन और खोजी सी नजर चाहिए

Poem on Shri Ram by sneh premchand

नहीं मात्र हनुमान के, सबके चित में राम है। राम रात्रि, राम दिवस, राम भोर शाम हैं।। राम भाव, राम शब्द  राम प्रेम अनुराग हैं। राम पुष्प,राम कली, राम फ़ल पराग हैं।। नहीं मात्र सौमित्र के, सबके चित में राम हैं। राम व्रत,राम पूजा, राम तीर्थ धाम हैं।। कण कण में ही नहीं क्षण क्षण में राम हैं। रोम रोम में, धरा व्योम में राम  हैं। राम वचन,राम सोच  राम कर्म परिणाम हैं। राम भक्ति,राम शक्ति, राम ज्ञान,राम गुणों की खान हैं। राम शब्द ,राम अर्थ,  राम जनकल्याण है।। नहीं मात्र कौशल्या के, सबके चित में राम हैं। राम गरिमा,राम महिमा, राम गौरव गान हैं। राम श्रद्धा,राम आस्था, राम सबकी शान हैं। राम दिल,राम धड़कन, राम प्राण श्वास हैं। राम लय,राम गति, राम ताल विश्वास हैं। नहीं मात्र दशरथ के, सबके चित में राम है। राम कतरा,राम सागर, राम ही कायनात है। राम मीत,राम मित्र, राम मर्यादा मान है। राम मोक्ष राम स्वर्ग  राम चेतना का नाम है। राम संयम राम सहयोग  राम सौहार्द स्वाभिमान हैं। नहीं मात्र जानकी के, सबके चित में राम हैं।। राम कला राम साहित्य  राम ही विज्ञान हैं। एक राम...