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प्रेम पथ

प्रेमपथ कठिन नहीं

जीने की राह

पगडंडी

जीवन की पगडंडी पर थाम कर ऊँगली जो जीने की राह सिखाता है,सुन मेरे बंधु और नही कोई,वो पिता कहलाता है।।

राह thought by sneh premchand

हम किसी को सही राह दिखा सकते हैं,पर चलना तो उसको ही होगा। हम अच्छा बुरा बता तो सकते है,पर चयन तो उसको करना ही होगा।।              स्नेह प्रेमचंद