तुरपाई May 27, 2020 रिश्तों की कच्ची उड़दन की, माँ करती रहती है तुरपाई। कुछ नही कहती,चुप ही रहती किस माटी की माँ है बनाई।। लगती है गर चोट हमें, बन जाती है माँ पल भर में दवाई।। है कौन सी ऐसी साँझ और भोर जब माँ की न हो याद आई ।। स्नेहप्रेमचंद Read more