Thought on life by sneh premchand प्रतिबिंब July 25, 2020 आईने में हमारा शारीरिक प्रतिबिम्ब नज़र आता है, मन का प्रतिबिंब तो बस रूह को ही भाता है।। चित्रकार को विधाता शायद फुर्सत में ही बनाता है, कुदरत की सृष्टि को उकेरने की कोशिश वो अक्सर करता हुआ नजर आता है।। Read more