साहिल ने एक दिन कहा लहर से कहीं भी कर लो विचरण प्रिय तुम पर अंत में मेरे पास ही लौट कर है आना जग जानता है सारा है साहिल लहर का सदियों से दीवाना सुन साहिल की अभिव्यक्ति लहर ने कह दी मन की बात हे प्रीतम है मेरी मंज़िल साहिल दिन खिलते हैं तुझ से सजती तुझ से है रात और अधिक नही आता कहना मुझे भाता है साहिल आपका साथ