चं == दा सी चांदनी छिटकी आपके कर्मों की, हर तमस,फैला दिए सर्वत्र उजियारे। जाने कितने ही अनुभव तिलक लगे जिंदगी भाल पर, संघर्षों से आप कभी ना हारे।। द्र== रिद्रता हर ली,ला दी समृद्धि हौसलों की,सद्विचारों की समृद्धि हो जन जन में सांझ सकारे। संगठन में होती है शक्ति, एक और एक होते हैं ग्यारह, यही आपका चरित्र स्वीकारे।। शे== खर से दमके आप अपने कर्मों से, लेते रहे साथियों के दर्द उधारे। एक एक करके बन ही जाता है कारवां, बस *अहम से वयम* का बजे शंखनाद हर गली गलियारे।। ख== नकता है जोश और उम्मीदें आपके अस्तित्व से, जैसे भरे सागर में नाव होती है मांझी के सहारे। नेतृत्व जब होता है आप सा, काफिला देने लगता है दस्तक जिंदगी की चौखट पर, खुद ही आ जाते हैं उजियारे।। र== हें यूं हीं चमकते आप इस जग में, कहें *जीती जागती पाठशाला* या *लिविंग लेजेंड*के फ्रेम में आपको उतारें।। ओ भीष्म पितामह AIIEA के! प्रेरणा हैं आप,साहस है आप,एक योजनाबद्ध तरीका हैं आप, आप को किस किस गुणवाचक विशेषण से पुकारें??? बो== ला ही नहीं,आपने कर के भी दिखाया,उच्चारण नहीं,आचरण को जो अपने व्यक्तित्व में उतारे। स...