लो फिर आया thought by sneh premchand September 07, 2020 लो फिर आया वो सात सितंबर,पापा की यादें ले आया,यादों के समंदर में कोई भवँर लगता है जैसे हो चकराया,मातृ और पितृ ऋण से उऋण कभी भी इंसा नही हो पाता,बरगद सी छाया है गहरी उनकी,सानिध्य से उनके इंसा तृप्त हो जाता।। Read more
छोटी सी June 20, 2020 छोटी सी ज़िन्दगी में क्या रूठना क्या मनाना। कैसे गिले, शिकवे और शिकायतें, जब एक दिन जहाँ से खाली हाथचले जाना। Read more