उत्तर प्रदेश के वाराणसी में *विश्वनाथ* रूप में बाबा ने खुद को किया विराजमान। *मोक्ष प्राप्ति* की इच्छा संग भगत करते हैं दर्शन बाबा के, दर्शन से हो जाते हैं धनवान।। जन्म मृत्यु चक्र से मिल जाता है छुटकारा, दर्शन करने से मिलता है लाभ ये अति महान।। शिवरात्रि के दिन पूरी रात होता है पूजन, कण कण हो जाता है शिवमय चित में जैसे अमिट निशान।। रूप में बाबा बनते हैं दुल्हा, विवाह की रस्में निभाने का आह्वान।।