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मधुर बोली,संयमित व्यवहार

मधुर बोली,संयमित व्यवहार व्यवहारिक ज्ञान का अकूट भंडार डट कर चुनौतियों का किया सामना संघर्षों से कभी मानी ना हार कर्म ही असली परिचय पत्र रहे आपके, आजीवन सत्कर्मों का किया श्रृंगार कुछ अलग ही कर गुजरने का जज्बा देता रहा दस्तक मन में हर बार आ ही गई अब वह बेला, संकल्प आ ही गया सिद्धि के द्वार हर वांछित इच्छा और सपना हो पूरा आपका, दुआ दे रहा पूरा शाखा हिसार परिवार सोच,कर्म,परिणाम की त्रिवेणी बहा ही दोगे आप इस बार *निश्चित ही यह करूंगा मैं* उच्चारण ही नहीं आचरण में हो आपको इसके दीदार मधुर बोली,संयमित व्यवहार सामाजिक ज्ञान का पूर्ण भंडार पुत्र,पिता, पति,भाई,कुशल कार्यकर्ता निभाया बखूबी हर किरदार समाज के प्रति भी हैं कुछ जिम्मेदारी तभी मिलते हैं सारे अधिकार जानते भी हो,मानते भी हो साफ सुथरी छवि,हुआ ना दामन कभी दागदार *सहयोग ही असली कर्मयोग है सादा जीवन उच्च विचार* आडंबरों से परे है जीवन आपका कुछ किया दरगुजर,कुछ किया दरकिनार सबको ले कर साथ चले हो, कार्यक्षेत्र हो या फिर परिवार पूरे परिवार की रीढ़ हैं आप जानो प्रेम ही हर नाते का आधार सीमा जी ने दिया साथ हर कदम पर आपके,जीवन संगिनी जी