*खोल दे जो हमारे ज्ञान चक्षु, शिक्षा ही है वह सशक्त आधार* तर्कपूर्ण ज्ञान और वैज्ञानिकता की जननी है शिक्षा, बना देती है व्यक्ति की शख्शियत दमदार।। सही को सही,गलत को गलत कहने की क्षमता का जो करे विकास। उसी को शिक्षा कहते हैं,जो आम से बना देती है अति खास।। यह कहना था ज्योतिबा फूले का, शिक्षा महत्व का था उन्हें बखूबी अहसास।। जुगनू नहीं शिक्षा तो वह दिनकर है, जो सर्वत्र उजियारे का, देती है उपहार। शिक्षा से ही समृद्ध होता है देश,व्यक्ति और परिवार।। एक ही है परमेश्वर और उसी की ही तो हैं हम सब संतान। काम सबके अलग अलग हो सकते हैं, धर्म तो इंसानियत का ही होता है महान।। देश में सामाजिक क्रांति के अग्रदूत रहे, गरीब,वंचित,पिछड़े वर्ग का किया उत्थान।। सामाजिक कुरीतियों को दूर करने के लिए रहे कटिबद्ध, सच में कथनी ही नहीं,करनी भी थी उनकी आलीशान।। जाति से ना कोई बड़ा ना कोई छोटा है,हो यही हमारी सोच का सार। ज्ञान के आलोक से हो आलोकित ये पूरा संसार।। कुरीतियों और रूढ़िवादी विचारों से आजीवन की आपने खूब लड़ाई।। अपने महान ज्ञान के विचारों से समाज को, सत्य की ज्योति दिखाई।। जाने कितने...