सोच कर्म परिणाम की त्रिवेणी जहां जहां पर भी बहती है सुख,समृद्धि और सफलता एक ही छत तले रहती हैं परिकल्पना,प्रतिबद्धता और प्रयास आम को भी बना देती है खास जहां चाह है वहां राह है सफलता चल कर आ जाती है पास कर्म बदल सकते हैं भाग्य सपने सच में सच हो जाते हैं जब उपलब्ध सीमित संसाधनों में भी बहुत कुछ सार्थक सा किए जाते हैं मेहनत की कुदाली से दमकते भाग्य का होता है उजियारा प्रयास हो बस शिद्दत से आलस्य करे ना चित कभी गवारा लक्ष्य का लक्ष्य सधा जो ठाना उसे पाया शिक्षा भाल कर तिलक संस्कारों का युगों युगों से सबको भाया बच्चों की उपलब्धि पर रहता है संग सदा मात पिता का प्यारा साया