बेटी से सुंदर कोई अहसास नहीं(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा)) December 08, 2022 *बेटी से सुंदर कोई अहसास नहीं* *सच में बेटी से अधिक कोई खास नहीं* *थाली तो हम बेटा होने पर बड़े जोर जोर से बजाते हैं* *पर जीवन को मधुर और झंकृत बेटी होने से ही पाते हैं** *खामोशी की जुबान भी समझ लेती है बेटी* बेटी से प्यारी कोई आस नहीं।। Read more