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Showing posts with the label सच में रही तूं अति महान

एक नहीं सौ किताब भी कम हैं

एक नहीं सौ किताब भी कम हैं जो अनुभूति को अभिव्यक्ति कर पाएं प्रदान नजर नहीं नजरिए की दरकार है तुझे समझने के लिए, ओ मेरी मां जाई महान