प्रेम है जीवन का आधार, माँ सावित्री की कृपा हो सब पर,बहे सर्वत्र प्रेम की गंगधार।। स्नेहसुमन हम कर रहे अर्पित,इन्हें कर लेना स्वीकार।। आरुषि के आने से ज्यूँ उजला हो जाता है संसार, एक अभिनव पहल करें हम सारे,लें लोगों के दर्द उधार।। यही राज है हर चारु चितवन का,करे इंदु की शीतलता तन मन का परिष्कार।। कोई परी आए उतर मेघों से पूरे जोश से,कर दे मन से दूर समस्त विकार।।