अधर्म पर धर्म की, असत्य पर सत्य की, पाप पर पुण्य की, अत्याचार पर सदाचार की, विध्वंस पर निर्माण की, अराजकता पर स्वराज की, अहंकार पर प्रेम की, संदेह पर विश्वास की, क्रोध पर दया की, विघटन पर एकता की, शत्रुता पर मित्रता की, कुकर्म पर सत्कर्म की, पलायन पर कर्तव्य की, भरम पर विश्वास की, अज्ञान पर ज्ञान की, रावण पर श्रीराम की, विजय के प्रतीक विजयदशमी का आओ करें स्वागत।