Skip to main content

Posts

Showing posts with the label सबसे प्यारा

सबसे लंबा

सबसे खास

सबसे लंबा

मां और बेटी((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा)))

सबसे प्यारा सबसे न्यारा ,ममता की सौंधी सौंधी सी महक लिए दिनों दिन और भी ही गहराता। होता है सिर्फ और सिर्फ मां बेटी का नाता।। सुनने में बेशक अच्छा लगे बेटा हुआ है,पर जीने में बेटी सा कोई और नहीं सुहाता। अपनी ही परछाई तो होती है बिटिया रानी,जिक्र भी जिसका जेहन में सुकून है लाता।। जीवन के इस अग्निपथ पर बेटी होती है ठंडी फुहार। मानो चाहे या न मानो,बेटी से सुंदर संसार।।

अरदास

नाता thought by snehpremchand

सबसे लंंबा , सबसे प्यारा, होता जग में भाई बहन का नाता। बस दोनों को बखूबी निभाना हो इसे आता।। एक दूजे में छवि नज़र आती है मात पिता की, साथ संग सदा ही सदियों से है सुहाता।। कोई बेड़ियाँ नहीं बनी जग में ऐसी, जो भाई को बहिन घर जाने पर बंदिशें लगा दें। बहिना तो फिर भी उलझी सी है   एक नए परिवेश में,भाई ही भूले से कभी चक्कर लगा ले।। ये तो अपनी अपनी समझ है, हम किसे समझें प्राथमिक,किसे कर दें दरकिनार।। नहीं चाहिए बहना को गहने ज़ेवर, न ही और कोई  कीमती   उपहार। बस मात पिता रहें बड़े प्रेम से, हो जीवन मे सौहार्द का संचार।। डोर न टूटे,विश्वास न टूटे, साथ न छुटे,यही भाव चेतना में  जिजीविषा है लाता।। सबसे लंबा सबसे प्यारा है  जग में भाई बहिन का नाता। कभी कभी आने लगती है महक इसमे औपचारिकता की, शायद यही सेतु ही दूरियां है लाता। शब्द पहन लेते हैं परिधान मर्यादा का, अधिकारों की कोई हौले से  लक्ष्मण रेखा है खींच जाता।। अहम की अहमकाना सोच को, क्यों झूठा गरूर पल्लवित कर जाता?? रिश्तों के इतने भी क्यों रूप बदलते हैं, मुझे तो ये कतई समझ नहीं आता।।   ...