दो पल के जीवन से एक उम्र चुरानी है। बिटिया को तो जाना ही है ये रीत पुरानी है।। है वो सबसे मधुर सरगम, जो सबको सुनानी है। ज़िन्दगी और कुछ भी नही माँ बेटी की कहानी है।। जीवन के अग्निपथ में वो भोर सुहानी है। ज़िन्दगी की धूप में वो सबसे शीतल पानी है। वो सबसे ठंडी छाया जीवन की वो प्यारी बिटिया रानी है।। स्नेहप्रेमचंद