ममता ,करुणा,धैर्य,स्नेह, मेहनत,समर्पण,त्याग और अनुराग,एक दिन आठों चले स्वर्ग से,सोचा जाएं किसके पास,घूम घूम कर जग सारा,बस एक ही बात समझ आयी,रह सकते हैं हम सारे इकठ्ठे माँ हृदय में,पक्की जगह उन्होंने वहीं बनाई,तब से युग पर युग बीत गए,पर नही बदलते वे अपना बसेरा,पूर्ण रूप से वहां खुश और संतुष्ट है सब,जमा लिया है अपना डेरा,यह सत्य है।।