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कभी समझा ही नहीं तुझे अलग इकाई

मेरे वजूद में इतनी समाहित है तूं, सच कभी समझा ही नहीं तुझे कभी अलग इकाई। कोई अतिश्योक्ति नहीं इस कथन में, सौ फीसदी सत्य है ये मां जाई।।