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कांकरी

कैसे सो जाती है अंतरात्मा

कोशिश

तन्हा न होते

तन्हा न होते

तन्हा न होते

प्रेम करते हैं

मां का होना

कोशिश thought by sneh premchand

सहज होने की कोशिश ही हमे असहज बनाती है,क्या भूलूँ क्या याद करूँ,अगनित यादें जेहन में आती है,जन्म से मृत्यु तक माँ सच्चा साथ निभाती है,लेना नही जानती वो मईया, जाने क्या क्या देकर हमे चली जाती है,मिले शांति माँ की दिवंगत आत्मा को,रूह यही गुनगुनाती है