ओ पारस मणि!((विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा)) October 19, 2021 ओ पारस मणि! याद आवे घणी, सदा किया तूने जिंदगी का जिजीविषा से श्रृंगार। जीवन समर की ओ पुरोधा ! कभी हार न मानी,चलती रही तूं, प्रेम को ही बनाया सदा जीवन का आधार।। स्नेह प्रेमचंद Read more