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रूठना छोड़ दिया मैने

Poem on deshbhagti by snehpremchand

पतन की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा हेतु कटिबद्ध है हम भारतीय सारे।  मां भारती के आंचल पर आंच ना आए यही दुआ करें हम सांझ सकारे।।