योग प्राथमिक है जीवन में, सांसों की माला में सुमरे प्रभु का नाम। व्याधि,विकार नष्ट हो जाएं सारे, योग आए अब जन-जन के काम।। मंजिल के बिना कहां जाए मुसाफिर? बिन तेल, जले कैसे बाती??? बिन नीर मीन जीवन कैसा, बिन दिन कैसे आए राती।। बिन योग के जीवन भी निर्जीव और नीरज सा पड़ता है जान। आकर इस की शरण में इंसा को, योग शक्ति का होता है भान।। योग प्राथमिक है जीवन में, सांसों की माला में सुमरे प्रभु का नाम। व्याधि,विकार नष्ट हो जाएं सारे, योग आए अब जन-जन के काम।। *तन मन दोनों की शुद्धि* सर्वशक्तिमान के होने का होता है भान। जुड़ जाते जब तार मन के प्रभु से, तब योग करें पूरा कल्याण।। योग प्राथमिक है जीवन में, सांसों की माला में सुमरे प्रभु का नाम।। *सकारात्मक दृष्टि और वैश्विक सृजन* दोनों ही हैं योग के वरदान। योग बनाए हमें स्वावलंबी आत्मनिर्भर, यही योग की सच्ची पहचान।। योग प्राथमिक है जीवन में, शवाशों की माला में सुमरे प्रभु का नाम।। योग का अर्थ है *जागरूक...