सबके मन मे आशादीप जलाया है आपने, घने तमस में प्रकाशपुंज दिखाया है आपने, एक और एक होते हैं ग्यारह,बताया है आपने, जान है तो जहान है,समझाया है आपने, मन के गलियारों में विचरण करना, सिखाया है आपने, संकल्प की नाव को सयंम के चपूओं से पर लगाना,सिखाया है आपने, सामूहिक प्रयासों में होती है शक्ति, दिखलाया है आपने, आपदा के प्रतिबद्धता से सामना करना, सिखाया है आपने, सच्चे प्रयास,संकल्प से सिद्धि तक का सफर कर ही लेते हैं पूरा, आत्मबोध कराया है आपने, कितनी ही बड़ी हो कोई मुसीबत, डट कर सामना करना सिखाया है आपने, इस वैश्विक महामारी के महासफ़र में भी महोत्सव सा समा बनाया है आपने।। नमन है आपको,वंदन है आपको।। स्नेहप्रेमचंद