दिल में धड़कन जैसी सुर में सरगम जैसी माला में मोती सी दीप में ज्योति सी पर्वों में दीवाली सी प्रकृति में हरियाली सी मां में अनुराग सी पुष्प में पराग सी देह में प्राण सी तरकश में बाण सी दर्पण में सूरत सी मंदिर में मूरत सी कोयल में कूक सी हिवड़े में हूक सी सुमन में महक सी चिरैया में चहक सी प्रतिबद्धता में राम सी फलों में आम सी और परिचय क्या दूं तेरा???? 11स्वर और 33 व्यंजन कम हैं जो कर पाऊं तेरा गुणगान हर भाव के लिए शब्द हैं हीं नहीं,है विश्वास मुझे,नहीं है ये अनुमान