भा---रतीय जीवन बीमा निगम का दूसरा नाम है सुरक्षा और विशवास सुखद वर्तमान,उज्जवल भविष्य का निगम हमारा सांझा प्रयास र--हें ना रहें हम,पर आर्थिक तंगी ना आए अपनों के पास आस ना छूटे,विश्वास ना टूटे, विविध उत्पाद इसके अति खास ती---र्थ भी कर्म है,धाम भी कर्म है,इसी सोच से हुआ है सतत इसका विकास य---हाँ, वहाँ सर्वत्र पसारे पाँव निगम ने,अपने अस्तित्व का इसे बखूबी अहसास जी--वन के साथ भी,जीवन के बाद भी,निराशा में भी आशा का किया है वास व---नचित न रहे कोई भी उत्पादों से इसके, यथासंभव किया इसने हर प्रयास न---भ सी छू ली हैं ऊंचाईयां, आता है धरा के भी रहना पास बी---च भंवर में जब कोई चला जाता है, छोड़ कर, होती है आर्थिक संबल की निगम से आस मान स्वाभिमान बना रहे व्यक्ति का,इसी सोच का किया विकास मा---हौल बनाया निगम ने ऐसा,जैसे कुसुम में होती है सुवास नि---यमो को नही रखा कभी ताक पर, हर वर्ग को जोड़ कर खुद से सतत किया जिसने प्रयास, ग---रिमा अपनी रखी बनाई,सबको जीवन मे राह दिखाई, दिनकर से तेज का इसमे वास हो जाए गर कोई अनहोनी, *मैं हूं ना*तीनों शब्द हैं इसके पास म---जबूत हौंसला,ब...