Poem on artists, कलाकार by snehpremchand July 02, 2020 जब भी किसी कला का सृजन जहाँ में जहां कहीं भी होता है, समझना ऊपरवाला, चुन उन कलाकारों को,एक प्रेमचमन सा बोता है। Read more
कल्पना। thought by snehpremchand April 14, 2020 किसी भी चित्त में कोई भी कल्पना जब हौले से लेती है जन्म, सृजन करता है परवरिश उसकी भाव और अल्फ़ाज़ करते हैं अपने कर्म।। Read more
उदीप्त February 23, 2020 उदीप्त सी हो जाती हैं भावनाएं, शब्द सृजन हेतु लगते हैं फड़फड़ाने। जब जेहन में माँ तूँ आ जाती है, मन लगता है दिल से गुनगुनाने।। Read more