फिर से आ जाओ ना माधव(( गुजारिश स्नेह प्रेमचंद द्वारा)) June 26, 2024 फिर से आ जाओ ना माधव पथ से विचलित हैं जाने कितने ही पार्थ इस बार शिक्षा रह जाती है मात्र अक्षर ज्ञान गर इसके भाल पर नहीं सोहते संस्कार जगह जगह पर कंस खड़े हैं करो बुराई का संहार जब जब होती है हानि धर्म की ले लेते हो तुम अवतार Read more