कभी किए होंगे प्रथम हस्ताक्षर ज्वाइनिंग पर, आज रिटायरमेंट पर अंतिम हस्ताक्षर करने की बेला आई है हौले हौले बीत गए बरस 31 जिंदगी ने जाने कितने ही अनुभवों से करी प्रेम सगाई है कभी कभी नहीं अक्सर मेरे दिल में ख्याल आता है मिलन संग जीवन में बनी क्यों विदाई है एक पड़ाव पूरा हुआ जिंदगी का, अब दूसरे पड़ाव की बेला आई है धूप छांव सी इस जिंदगी में आज यादों की बदली गहराई है