पहली बारिश सी भीगी भीगी, सौंधी माटी की मीठी सी महक होती है माँ, तपते मरुधर में ठंडी सी फुहार होती है माँ, आधी जगी आधी सोई, हरपल कुछ करने को ततपर रहती है माँ। मा के रूप में सबसे सुंदर होती है नारी, जान गई है ये सच्चाई अब तो दुनिया सारी।। सुर,सरगम,संगीत है माँ, प्रेम,प्यार,प्रीत है माँ, शिक्षा,संस्कार,रिवाज़,रीत है माँ।। ज़िन्दगी की सबसे बड़ी जरूरत माँ।। आस्था के मंदिर में प्रेम की प्यारी सूरत माँ।। घर मे घुसते ही नज़रें जिसको ढूंढती,ऐसी माँ।। स्नेहप्रेमचंद