**तन संग मन भी रंग लें, इस बार की होली में** **होलिका दहन में दहन कर दें सारे विकार चित के, इस बार की होली में** **अमीर गरीब, जाति मजहब हर दीवार गिरा दें, इस बार की होली में** **प्रेम पिचकारी में जल भर सरसता और समरसता का, भिगो दें अंतर्मन के गलियारे, इस बार की होली में** **जिजीविषा के भाल पर तिलक लगाएं इस बार की होली में** "*पड गई हैं जो गांठें दिलों में, उन्हें हौले हौले खोल दें प्रेम उंगलियों से, इस बार की होली में** **मलिन मनों से हटा दें सब धुंध कुहासे, इस बार की होली में** ""स्नेह गुलाल से हर कपाल लाल कर दें इस बार की होली में** **करें वितरण रंग गुब्बारों का अभाव ग्रस्त लोगों में, इस बार की होली में** **अहम से वयम की बयार चला दें इस बार की होली में** **हर मन राधा हर चितवन कान्हा बना दें, इस बार की होली में** "*राधा कान्हा सा रास रचा दें, इस बार की होली में** **अपने गांव में बैठे हैं जो बूढ़े मात पिता उनके हृदय रंग दें वहां जा कर, इस बार की होली में** "*जिनके बच्चे नहीं आ पाते, बन बच्चे उनके चित भी रंग दें इस बार क...