Thought on mother by sneh premchand सिरहन August 21, 2020 कितनी यादें जुडी हुई हैं माँ, तेरे अस्तित्व के साथ। सोच कर सिरहन सी उठती है हिया में, ज़िन्दगी का अनुभूतियों से परिचय करवाने वाली का सर पर अब रहा नही हाथ।। स्नेह प्रेमचंद Read more