कैसा सागर February 10, 2024 सागर में पानी ही ना हो,तो फिर वो कैसा सागर धन्य धन्य सा हो गया था मन तुझे मां जाई के रूप में पाकर ना गिला ना शिकवा ना कभी शिकायत कोई,ना कोई आलोचना, रीती रीती नहीं थी तूं भरी भरी प्रेम गागर Read more