तुझे बना कर तो खुद हैरान हो गया होगा विधाता तूं कालजई रचना ईश्वर की, मुझे तो इतना ही है समझ में आता जाने किस माटी से बनाया तुझे ईश्वर ने,सोच का दरिया पल पल लहराता उम्र छोटी पर कर्म बड़े तेरा यही परिचय तेरा परिचय पत्र बन जाता भाग्य नहीं सौभाग्य है मेरा जो तुझ से रहा मां जाई का नाता खुद मझधार में हो कर साहिल का पता बताना सबको तो नहीं है आता