खास नहीं अति खास लम्हे(( विचार स्नेह प्रेमचंद द्वारा)) March 27, 2022 खास नहीं अति खास बन जाते हैं लम्हे,जब खास लोगों से होती है मुलाकात।। खुशी नहीं मिलती बाहर से,खुशी है भीतर का अहसास,मन प्रफुल्लित हो जाता है खिल जाते हैं मन के जज़्बात।। Read more